44 ‘मालीक, मारा मालीक ने केदो, मारी जमणी ह़ोड़ बह, जत्यार लग मे तारा वेरी ने तारा पोगु तळे नी कर देम।’
भलु, जत्यार दावुद हीने मालीक केय, ता हीय्यो हीनो सोरो केम केवायो?”
ईसु केदो, “होव, तु केदो तेमेत से। मे तमने आहयु बी केम, हाव गेथा तमु नीस्ता मनख्या ना सोरा ने आखा मे जोरभर्या भगवान ना जमणी धेड़े बह रेलो अने ह़रग ना वादळा पोर आवत्लो देखहु।”