30 काहाके जीवता हयवा पोर वेवा नी हये पण ह़रग मे आखा ह़रगदुत ने तेम रेहे।
जे दाड़े तक नुहो मोट्ला ढुंड्या मे नी भरायो, तांह तक माणहु खाता-पीता, अने वेवा करता हता।
तीना वारा मे धरमी माणहु आह़फा ना बाह ना राज मे दाड़ान तेम भबळहे। जीना कान्टा हय तीहयो ह़मळी लेय।”
चेतीन रेवो! जे मारी पोर भरहो करे, तीमनी मे जे नान्ला से, तीमने बी तमु हेटा नी ह़मज्जो। काहाके मे तमने देखाड़ु के ह़रग मे आमना ह़रगदुत आमनी जुगु मारा बाह नी अगळ वीन्ती करवा नी लेदे हमेसा हजुर रेय।
पण मरला ने जीवता हयवा ना बारा मे ह़ु तमु आहयो बोल नी भण्या जे भगवान तमने केदो: