14 काहाके बोलावला ते ढेरेत से, पण टाळला थोड़ाक से।
आहयीत रीते जे पसळ से, तीहया अगळ हय जहे, अने जे अगळ से, तीहया पसळ हय जहे।”
कदीम मालीक तीहया दाड़ा ने कम नी करतो, ता एक बी जीव नी बचता; बाखीन टाळला माणहु नी करते जीमने तीहयो टाळलो से, तीहया गरा ना दाड़ा ने तीहयो कम कर देदलो से।
काहाके झुटा मसी अने भगवान नु नाम लीन झुट मेकण्या माणहु देखाव पड़हे, अने एवी भारी सेलाणी अने सेल-भात्या कामु देखाड़हे, हय सके ता तीहया टाळला माणहु ने बी भगवान ना भरहा गेथा सेटा करवा नी कोसीत करहे।