11 राजो पोरणा ने देखवा करीन आयो, तां तीनी नींगा एक एसवा माणेह पोर पड़ी, जे वेवा ना लुगड़ा नी पेरलो हतो।
वाडणी आवते लग भेळात वदवा देवो। वाडवा नी टेम पोर वाडवा वाळा ने केही, ‘पेले जंगली बीज ना झाटवा भेळा करो अने धपाड़वा करीन हीमना पुळा बांदो। अने अळतेण गम ना दाणा ने मारी मोहटी मे भेळा करो।’”
तीहयो आह़फा नु ह़ुपड़ु तीना हात मे ली लेदलो से, अने तीहयो आह़फा ना खळा मे गम नीकाळीन चोखाळहे अने गम ने मोहटी मे भरहे, पण गम ना चारा ने आक्ठी मे नाख देहे जे कदी नी ओलाये।”
अने पावर्या रोहा पोर ज्या, अने भला अने कुहर्या आखा माणहु ने बोलावीन ली आया अने वेवा नो घोर तीहया माणहु सी भराय ज्यु।