44 “जे आहया दगड़ा पोर पड़ जहे, तीहयो टुकड़ा-टुकड़ा हय जहे, अने जीनी पोर आहयु दगड़ो पड़हे, तीने दळ देहे।”
अने आखा माणहु जपाप आप्या, “आनु लोय वयाड़वा नो गुनो अमारी पोर, अने अमारी अवल्यात पोर पड़वा दे!”
मनख्या ना सोरा ने ते जवानुत से जेम तीना बारा मे लीखलु से; पण तीहया माणेह जुगु घणी दुख नी वात से, जे मनख्या ना सोरा ने धरायो! तीहयो माणेह पयदा नी हयतो ता वारु रेतु।”
एतरे मे तमने केम, भगवान, ह़रग नु राज तमारा हात मे गेथु हापकी लेहे अने राज्य ना माणहु ने आप देहे जे भगवान ना राज ना कायदा पाळीन जीवहे।
डायला पुंजारा अने फरीसी पंथवाळा वाळा आहयो दाखलो ह़मळीन ह़मज ज्या के ईसु आहयु तीमनात बारा मे की र्यो।