9 जत्यार तीहया दाड़क्या आया, जे एक घंटो दाड़ु बुडवा मे री रेलुन लगाड़ला, ता तीमने एक-एक दीनार आप्यो।
तीहयो दाड़क्या ह़ाते एक दाड़ा नी दाड़की एक चांदी नो सीक्को ठेरायो अने तीमने अंगुर नी वाड़ी मे मोकल्यो।
ह़ांती टेमे अंगुर नी वाड़ी नो मालीक आह़फा ना मुनीम ने केदो, “दाड़क्या ने बोलाव” अळतेण पसळ वाळा ने लीन, पेले आव्वा वाळा तक, आखा ने दाड़की आप दे।
जत्यार जे पेले दाड़क्या आवला ता तीहया ह़मजी र्या हता, के आमने वदु जड़हे; बाखीन तीमने बी एक-एक दीनार आप्या।