15 ह़ु आहयु वारु नी हय के मारा धन ने मारी मरजी सी वापरु? तमु मारी भलाय ने देखीन मारी पोर काहा कुहराय र्या?
पण कदी तारा डोळा चोखा नी हय, ता तारु आखु डील बी चोखलु नी रेहे; आनीन करते तीहयु वीजाळु जे तारी मे से कदी अंदारलु हय ता तीहयु अंदारलु कीसम मोटु हहे।”
तीहयी टेमे ईसु केदो, “बाह! ह़रग अने धरती ना मालीक! मे तारा गुण गावु; काहाके तु आहयी आखी वात ने अक्कल वाळा अने भणला माणहु गेथी ह़ताड़ीन भोळा सोरा ह़रका माणहु अगळ उजन्ती कर्यो।
तारी दाड़की ले अने जत रे, मे आहया पाछला दाड़क्या ने बी तारीन तेतरु आपवा हींडु।