22 आहयु ह़मळीन तीहयो जुवान्यो घणो ह़ोह़वाय्न जत र्यो, काहाके तीहयो घणो मालदार हतो।
काना बी माणेह ने बे मालीक नी चाकरी नी कराये; काहाके तीहयो एक मालीक सी ह़ीगी करहे अने बीजा मालीक ने मोंग करहे; नीता एक मालीक ह़ाते मेळीन रेहे अने बीजा मालीक नो वाक काडहे। तमने भगवान नी अने धन-दवलत नी बेम नी सेवा नी कराये।
जे बीज झाटवा वाळी जागा मे पड़्यु तीहयु ते माणेह नी सेलाणी से, जे भगवान ना बोलु ह़मळे ते खरो, पण तीने कळी मे वाळी जीवाय्न नी फीकर अने धन नी लालच भगवान ना बोलु ने पाळीन चालवा नी देय, अने तीहयो जीवाय्न फोळ नी लावे।
कदीम माणेह आखी कळजुग ने हात कर लेय अने आह़फा नो जीव खोय देय तीहयु ह़ु काम नु? तीहयो आह़फा नो जीव बचाड़वा करीन आह़फा ना जीव नी अवजी पोर ह़ु आप्हे?
हेरोद राजा ने दुख लाग्यो, पण आह़फा नी ह़ाम अने ह़ाते बहला माणहु ना कारण सी, हुकम आपीन केदो, हीने बपतीस्मा आपण्या युहन्ना नु मुंडु आप देवो।
ईसु तीहया जुवान्या ने केदो, “कदीम तने पुरो पक्को बणवा हय ता, जा! तारु आखु धन वेचीन गरीब ने आप दे, अने ह़रग मे तने मेल्लु धन जड़हे। अने अळतेण आवीन मारी पसळ चाल।”
ता ईसु आह़फा ना चेला ने केदो, “मे तमने ह़ाचलीन केम, मालदार जुगु ह़रग राज मे भरायवा काठु से।”