31 तीना ह़ाते वाळा बीजा पावर्या आहयु देखीन घणा नराज हय ज्या अने जाय्न ह़ु-ह़ु हयु तीहयु आखु तीमना मालीक ने देखाड़ देदा।
हेरोद राजा ने दुख लाग्यो, पण आह़फा नी ह़ाम अने ह़ाते बहला माणहु ना कारण सी, हुकम आपीन केदो, हीने बपतीस्मा आपण्या युहन्ना नु मुंडु आप देवो।
पण जत्यार तीहयो पावर्यो बारो नीकळ्यो, ता तीना ह़ाती पावर्या मेनो एक तीने भेट्यो, जे तीनी पांह ह़ोव दीनार करजो लेदलो हतो; तीहयो तीने धर लेदो अने गळु चमदीन केदो, “जे कंय तु मारी पांह गेथो करजो लेदलो से तीहयो आप दे।”
पण तीहयो पावर्यो नी मान्यो, अने तीने ली जाय्न जेल मे कुंड देदो; के तीहयो जत्यार तक करजो नी छुट जाय तांह तक तीहयो तांत रेय।
तत्यार तीनो मालीक तीने बोलावीन केदो, “ए वेरी चाकर्या, तु जे मारी पांह वीन्ती कर्यो, ता मे ते तारो पुरो करजो माफ कर्यो।”