20 काहाके जां बी बे जणा नीता तीन जणा मारा नाम सी भेळा हये, तां ह़ारीक मे तीमनी वच मे हजुर रेम।
अने तीमने आखी वातु जे मे तमने हुकम आप्लो से, मानवा ह़ीकाड़ो: अने देखो, मे कळी ना आकरी लग सदा तमारी ह़ाते से।”
ता पतरस ह़ाते आवीन ईसु ने केदो, मालीक! कदीम मारो भाय मारा वीरोद मे गुनो करतोत जाय, ता तीने मे केतरी कावा माफी आपु? ह़ात कावा लग माफी आपु ह़ु?