27 काहाके मनख्यान बेटो आह़फा ना ह़रगदुत नी ह़ाते आह़फा ना बाह नी बड़ाय भेळ आवहे, अने तीहयो आखा माणहु ने तीमना काम ना अनसारे फोळ आपहे।
जत्यार मनख्या नो सोरो आह़फा बड़ाय भेळ आवह़े, अने आखा ह़रगदुत तीनी ह़ाते आवहे ता तीहयो आह़फा नी बड़ाय नी राजगादी पोर बहलो रेहे।
तीहयी टेमे ह़रगे गेथा मनख्या ना सोरा नी आव्वा नी सेलाणी देखाव पड़हे। धरती पोर रेण्या आखी जातीन माणहु फुकु-फुकु रड़हे, अने मनख्या ना सोरा ने मोटी ताखत भेळ, अने बड़ाय भेळ ह़रग ना वादळा पोर आवत्लो देखहे।
ईसु केदो, “होव, तु केदो तेमेत से। मे तमने आहयु बी केम, हाव गेथा तमु नीस्ता मनख्या ना सोरा ने आखा मे जोरभर्या भगवान ना जमणी धेड़े बह रेलो अने ह़रग ना वादळा पोर आवत्लो देखहु।”
कळ खत्तम हयवान टेमे बी एमेत हयहे। ह़रगदुत आवीन पापी माणहु ने धरमी माणहु मे गेथा सेटा करहे,
मनख्या नो सोरो ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया तीना राज मे गेथा आखा पाप करन्या ने अने गलत काम करन्या माणहु ने भेळा करहे,
ईसु तीने केदो, लेंड्या जुगु रेवा करीन तीमना दोर से अने ह़रग ना चड़ा जुगु तीमना पोतरा से, पण मनख्या ना सोरा जुगु मुंडु मेलवा लग जागो नी हय।