22 तीहया परगणा नी कनानी जाती नी एक बयर आयी अने आड़ी-आड़ीन केवा बाज जी, “ए मालीक! दावुद नी अवल्यात! मारी पोर गीण कर। मारी सोरी ने भुत घण-जबर वेला पाड़ र्यो।”
जत्यार ईसु तां गेथो अगो ज्यो, ता बे आंदळा ईसु पसळ आसम आड़ता जाय्न चाल पड़्या, “ए दावुद नी अवल्यात, अमारी पोर दया कर।”
“मालीक! मारा सोरा पोर गीण कर। हीने फेपरु आया करे। हीय्यो घण-जबर वेला कर्या करे; अने वळ-वळीन आक्ठु मे अने पाणी मे पड़ जाय।
अने आखा सीरीया देस मे ईसु नी खबर फेल जी। माणहु फेपराळा माणहु ने, लखवा हयला माणहु ने अने एवा कंय भाती ना मंदवाड़ वाळा ने दुख मे पड़ला माणहु ने अने भुत लागला माणहु ने ईसुन्तां लावता हता अने तीहया आखा ने आरगा करतो हतो।
ईसु मसी ना आड़ा-बुड़ा नी नाम नी लीखली सुची नी कीताप, जे अब्राहम नी अवल्यात, अने दावुद नी अवल्यात हता।
पण ईसु तीने कंय नी केदो। अने ईसु ना चेला ईसुन्तां आवीन वीन्ती कर्या, हीनी वात मानीन हीने वळाय दे, काहाके हीय्यी आड़ती-आड़ती अमारी पसळ आय री।