20 आहयात माणहु ने वीटाळ देय। पण हाथ धोया वगर खाणु खावा सी माणेह नी वीटळे।
तारा चेला डायला पुडार्या नी रीती-भाती काहा नी पाळता? हीय्या हाथ धोया वगर रोट्ला काहा खाय?
काहाके गलत वीच्यार, हत्या, बीजी बयर ने राखवा, छीनाळु, चोरी, झुटी गवाय देवा, वाक काडवा ना आहया आखा वीच्यारु माणहु ना मन मे गेथात नीकळे।
ईसु तां गेथो नीकळीन सुर अने सेदा परगणा भणी चाल पड़्यो।