24 तीहयी टेमे लग ढुंड्यु ढेरे नाम्बे जत रेलु हतु अने दर्या नी वच मे झलक सी डुलकी र्यु हतु, काहाके वाहळु अगळ नु हतु।
अने तीहयी वखत दर्या मे उचकाहलुत घण-जबर आंजी आयी, अने दर्या नी झलक ढुंड्ये अफठाय्न ढुंड्या ने घेरवी री हती। पण ईसु ह़ुव्वा बाज र्यो हतो।