54 अने ईसु आह़फा ना ह़ेर मे आवीन तीहया भगवान ना भक्ती ना घोर मे जाय्न माणहु ने ह़ीकाड़वा बाज ज्यो। के तीहया घबराय्न केवा बाज ज्या, “अने आहयी अक्कल अने घणा जुदा-काम कां गेथा जड़्या?
ईसु गलील जीला मे फीरतो जाय्न भगवान ना भक्ती ना घोरु मे ह़ीकापण आप्तो र्यो, अने भगवान ना राज नी खुस-खबर परच्यार करतो र्यो। अने माणहु नी आखी भाती नी मंदवाड़ अने लुलखाय सेटी करीन आरगो कर्यो।