47 “अळी ह़रग नु राज तीहयी मोट्ली जाळ ने तेवु से तीहया दर्या मे नाख देदा, अने आखी भाती ना माछला हापकी लायो।
ईसु तीमने केदो, “मारी ह़ाते चालो, मे तमने माणहु ने भगवान भणी कीकम लाव्वा ह़ीकाड़ही।”
“ह़रग नु राज खेतर मे खोवायला धन ने तेवु से, जे काना माणेह ने जड़्यु अने तीहयु माणहे ह़ताड़ देदु अने तीहयु खुस हय जाय अने आखु कंय वेचीन तीहया खेतर ने वेचातु लेदो।”
जत्यार तीने एक मोगलो मोती जड़्यो ता तीहयो जाय्न आह़फा नु आखु कंय वेच देदो अने तीने वेचातु ली लेदो।”
अने जत्यार जाळ भराय जी, ता काहर्या तीनी जाळ ने धेड़े हापकी लाया, अने बहीन वारु-वारु तां ठाहरा मे भेळा कर्या अने बगड़ला-बगड़ला माछला ने नाख देय।