44 “ह़रग नु राज खेतर मे खोवायला धन ने तेवु से, जे काना माणेह ने जड़्यु अने तीहयु माणहे ह़ताड़ देदु अने तीहयु खुस हय जाय अने आखु कंय वेचीन तीहया खेतर ने वेचातु लेदो।”
काहाके जां तमारु धन से तां तमारु मन बी लागलु रेहे।”
अने जे मारा नाम ना लेदे आह़फा ना घोर ने नीता आह़फा ना सग्गा भाय ने अने बेनेह ने अने आय्ह-बाहा ने सोरा-सोरी ने, नीता खेतर वाड़ी मारा नाम नी करते सोड़ देदलो से, तीहयो ह़ोव गुणा हात करहे, अने तीहयो अमरकाय जीवाय नो हकदार्यो हय जहे।
ता पतरस ईसु ने केदो, “देख, आमु अमारु आखु कंय सोड़ीन तारा चेला बण जेला से। ता, आमने ह़ु जड़हे?”
ईसु तीहया जुवान्या ने केदो, “कदीम तने पुरो पक्को बणवा हय ता, जा! तारु आखु धन वेचीन गरीब ने आप दे, अने ह़रग मे तने मेल्लु धन जड़हे। अने अळतेण आवीन मारी पसळ चाल।”
ईसु तीमनी अगळ एक अळी दाखलो केदो, “ह़रग नु राज तीहया माणेह नु ह़रकु से, जे आह़फा ना खेतर मे वारलु बीज वेर्यो।
जत्यार तीने एक मोगलो मोती जड़्यो ता तीहयो जाय्न आह़फा नु आखु कंय वेच देदो अने तीने वेचातु ली लेदो।”
“अळी ह़रग नु राज तीहयी मोट्ली जाळ ने तेवु से तीहया दर्या मे नाख देदा, अने आखी भाती ना माछला हापकी लायो।