जे कोय मनख्या ना सोरा ना वीरोद मे कंय केहे, तीने माफी जड़ जहे। पण चोखली आत्मा ना वीरोद मे कंय केहे, तीने माफी नी जड़े। आहयी कळी मे बी माफी नी जड़े, अने आव्वा वाळी कळी मे बी माफी नी जड़े।
जे बीज झाटवा वाळी जागा मे पड़्यु तीहयु ते माणेह नी सेलाणी से, जे भगवान ना बोलु ह़मळे ते खरो, पण तीने कळी मे वाळी जीवाय्न नी फीकर अने धन नी लालच भगवान ना बोलु ने पाळीन चालवा नी देय, अने तीहयो जीवाय्न फोळ नी लावे।