28 “ए आखा काम करीन थाकला अने भार मे डबायला माणहु मारीन्तां आवो, मे तमने अराम आपही।
मारो वळो आह़फा पोर मेक लेवो अने मार सी ह़ीको, काहाके मे नीचळो अने मन मे गरीब से। अने तमु तमारा मन मे अराम हात करहु,
तीहया एक भारी बोज ने जीने उचलवा काठु से, हीय्या तीने बांदीन माणहु ना खांदा पोर मेल देय, बाखीन आह़फा ते आंगळी बी नी टेकव्वा हींडे।