22 एतरे मे तमने केम नीयाव ना दाड़े तमारी हालत सुर ह़ेर अने सेदा ह़ेर नी हालत सी बी जादा वेठवा जुगु हयहे।
मे तमने ह़ाचलीन केम, “नीयाव ना दाड़े सदोम अने अमोरा देस ना माणहु गेथी बी तीहया देस ना माणहु ने जादा डंड जड़हे।”
ए खराजीन ह़ेर! ए बेतसेदा! तमारी वाटु दुख नी वात से; देख, जे सक्ती ना काम तमारी मे कर्यो, तीहया सुर अने सेदा मे करतो, ता तीहया ठेला ओडीन अने रोखड़ा मे बहीन पापु भणी गेथा मन फीरवीन भगवान वगा वळ जता।
एतरे मे तमने केम, नीयाव ना दाड़े तमने सदोम गेथो जादा डंड जड़हे।”
एतरे मे तमने केम, “नीयाव ना दाड़े माणहु ने आह़फाम नी एक-एक रीकामी वात नो लेखो आपु पड़हे।