16 मे आहयी पीड़ी ना माणहु नी बराबरी मे कोय सी करु? तीहया हाट मे बहला तीहया सोराम नी तेवा से, जे एक-बीजा सी आड़ीन केता हता,
मे तमने ह़ाचलीन केम, आहयु आखु आहयी पीड़ी ना माथे पड़हे अने आमनेत डंड भुगतवा पड़हे।
ए गड़हा ना सोरा! तमु बुरा हय्न बी वारली वात कीसम की सके? जे तमारा मन मे भरलु से, तीहयुत तमारा मोडा मे गेथु आवे।
मे तमने ह़ाचलीन केम के आहयी पीड़ी ना माणहु ने खत्तम हयवान पेलेत मारी केदली वात पुरी हयहे।
जीना कान्टा हय, तीहयो ह़मळी लेय।
के आमु ते तमारी वाटु पीहो वगाड़्या, अने तमु नी नाच्या; आमु ते दुखी हया, अने तमु छाती नी पीट्या।
हाट मे वारु से के अने माणहु अगळ गुरु केवाड़वा हीमने वारु गमे।