15 जीना कान्टा हय, तीहयो ह़मळी लेय।
जीनी पांह ह़मळवा ना कान्टा हय तीहयो ह़मळ लेय।
तीना वारा मे धरमी माणहु आह़फा ना बाह ना राज मे दाड़ान तेम भबळहे। जीना कान्टा हय तीहयो ह़मळी लेय।”
मे आहयी पीड़ी ना माणहु नी बराबरी मे कोय सी करु? तीहया हाट मे बहला तीहया सोराम नी तेवा से, जे एक-बीजा सी आड़ीन केता हता,