13 जिहकेरीन लिखेल हे, “मी याकुबाह मोंग किऱ्यो, पुण एसावाह विण मोंगाल्लो जाण्यो।”
13 जोहलो लिखील हि, “मी याकूबावर प्रेम किरील, पुण एसावाला अप्रिय मानणनये.”
“जो आईख आबाख माहु रेन जादा मोंग किरेह, तो मार लायकीन नाह सोतो; एने जो बेटीख बेटाख माहु रेन जादा मोंग किरेह, तो बी मार लायकीन नाह सोतो।
काय तुमू पुस्तेक माय ज्यो बाग नाह वाशा: “जा देगड़ाह मिस्तऱ्या कामान नाह जाण्या, तोच दिगोड़ कोपरान मुखी बोण गीयो।
“केदी एगदो मार फाय आवी, एने तान आईख आबाख एने बायकु एने सोराह एने बायाख एने बोणह्युख न्या वोर काय तान जीवाह बी माहु रेन जादा मोंग केरी, तो मारो चेलो नाह एय सिकेत।
जो तान जीवाह मोंगाल्लो जाणेह, तो ताह गोमाड़ देय; पुण ज्यी दुनिया माय जो तान जीवाह मोंग नाय केरी, तो ताह जेलेमक्यो जीवायीन केरता होमालीन मेली।