पुशो मी जुगा माय एक बोंगलाय ओहली मोटली निसाणी दिख्यो, तो ज्यो काय हात हेरोगदुता फाय हात आवणार पिड़ा एत्यु, त्यु सेवल्यु पिड़ा एत्यु, काहाकाय न्यु हेऱ्यो बोगवानान राग ओलाय जाथे।
जेवी मी पुशो दिख्यो, ते जुगान विची माय एक मोराग्याह उड़ती एने मोठास आवाज माय ज्यो कितेन होमल्यो, “ता तीन हेरोगदुत ने पावलीन आवाज ने वोजेसे। जान फुकणे एवी बाकी हे, देरती पोर रेणारा पोर हाय, हाय, हाय!”