46 तु मार मुंडाम तेल नाह चोपड्यो, पुण ज्यी मार पायाम गेंदाण्यो तेल चोपड़ेल हे।
46 तू मारो मुंडीपोर तेल लागाडील नाहं, पुण जीन मारपायापोर सुगंधीत तेल लागाडील हि.
पुण जेवी तु उपास किरहे, ते मुंडा पोर तेल लागाड़ एने मुय दोवजे,
तान केरता मी तुवाह केथु, “काय ज्यीन पाप जा जुलूम एता, ता आखा माफ एय गीया, काहाकाय ज्यी मार पोर जुलूम मोंग किरेल हे, पुण जान थोड़ाक माफ एनाह, तो थोड़ोच मोंग किरेह।”