15 इही केताच मुरेल सोरो उठीन बोह गीयो, एने बोलने बाज गीयो, तेवी यीशु ताह तान आईख होप दिनो।
15 तेवी तो मोरील उठीन बोहील, एने बोलणेन लागिल: तान ताह तान आहाक उगे होपीन आपील.
तेवी यीशु खाटलान आहने आवीन खाटलाह आथल्यो, एने खाटलो उखेलनारे उबरी गीया, तेवी यीशु केयो, एय जुवान! मी तुवाह केथु, “उठ।”
तेवी आखा माणहे बिन बोंगलाय गीया, एने ता बोगवानान बोड़ाय केरीन केणे बाज गीया, “आमरी विची माय एक मोटलो जाणकार आमुह वोचाड़नेन केरता आवोह, एने बोगवान आपणा माणहा पोर गीण किरेल हे।”