43 जी गीण माहु कारीन जुड़नीह काय मार मालीकान आहख मार फाय आवीह?
43 मारपुर हि कृपा कोहली एनी कि मारो प्रभुन आहाक माहफाय आवी?”
जेवी यीशु माणहा हिऱ्यो वातु केरतालोस तोलाक माय तान आहख एने बाहख बाहेर उबरियेल एता, ता यीशु हेऱ्या वातु केरने होदताला।
पुण योहान इही केयीन रोकणे बाज गीयो, “माहु ते तुवा फाय रेन बपतीस्मा लेणेन गिरेज हे, एने तु माहु फाय आवोह?”
एने ती जोरेस आयड़ीन केयी, “तु बायकु माय रेन बोरकेतवाली हे, एने तारो पेटावालो सोरो बी बोरकेतवालो हे!
होमेल, जीहे नमस्कार होमेलताच मार पेटाम सोरो खुसी माय उसेल पोड़नो।
काय आज दाऊदान गावाम तुमरे केरता एक सुटकारो केरनार पायदा ईनोह; एने ज्योस मसी मालीक हे!
तान केरता मी आपणे आपाह ज्यी लायेक नाह सोमेजनो काय तार फाय आवो। पुण वचन ओलोच किय दे काय मारो पावोर हुदेर जाय।
माहु तुमू गुरू एने मालीक केतेह, ज्यो ठिकुच केतेह, काहाकाय मी तोच हे।
इहकेरीन होमलीन थोमा जापाप आप्यो, “एय मारा मालीक, एय मारा बोगवान!”
स्वार्थ एने जुठी बोड़ायीन केरता काय मा किरो, पुण गेरबोड़ाय माय एका दिहराह सोताह रेन हाजा सुमजो।
मी आपणा मालीक मसी यीशुन ओलखातीन उत्तमतान वोजेसे सोब वातुह दुको सोमेजथु। ज्यान वोजेसे मी सोब वोस्तुन हानी विसेल, एने ताह कोचरो सोमेजथु, काहाकाय मी मसीह सापड़ावु।