1 ज्यु वातु मी तुमूह ज्यानकेरता केयो काय तुमू तुमरा बोरहाह सोड़ नाय दिहो।
1 “जीवात मी तुमु ज्ञान केरता केदाली कि तुमु उखालीन नाहा.
बोरकेतवालो हे तो माणुह, जो मार केरता ठोकेर नाय खाय!”
पुण वचनान केरता तान जीवा माय दुख, तेकलीत, सेताव आवेह, ओवता चालोच ठोकेर खातेह, काहाकाय बोगवानान वचनाह हास केरीन मोना माय नाह देऱ्या, तानकेरीन ता थोड़ाच दिह्यान केरता रेतेह।
ओहलो विचार केरीन ता यीशु पोर बुरहो नाह केऱ्या। पुण यीशु ताह केयो, “जाणकाराह तान गेराह एने गावाह सोड़ीन आखी जागे मान सम्मान जुड़ने।”
तेवी मोकतास माणहे ठोकरा खाती, एने एका दिहराह देराव देती, एने एका दिहरा हेऱ्या विरोद केरती।
मी ज्यु वातु तुमूह ज्यानकेरता केथु, काय मारी खुसी तुमरे माय बोणीन रेय, एने तुमरी खुसी पुरी एय जाय।
पुण मी ज्यु वातु ज्यानकेरता तुमूह केथु, जेवी न्यान पुरो एणेन टेम आवी ताहार तुमूह एर आव जाय काय मी तुमूह पेलुच केय दियेल ईतो। मी ज्यु वातु पेल तुमूह नाह केयो, काहाकाय मी तुमरी हिऱ्यो ईतो।
हाजो ते ज्य हे काय तु माह नाय खाय एने अंगुरान रूह नाय पिय, नाह उंजु ओहलो काम केरी जाकेरीन तारा बोरहावाला बायाख ठोकेर लागी।
न्या वोर काय तुमू हाजाम रेन हाजी वातुह मोंगाल्ली जाणो, एने मसीन दिह वोर निर्दोस बोणीन रिवो, एने दोस मा मांगाड़ो;
एने दिहरा पुस्तेक माय ज्यो बी लिखेल हे: “ज्यो तु दिगोड़ हे जो माणहाह ठेच पोचाड़नेन कारेण बोणी, ज्यो दिगोड़ माणहाह ठोकेर खावाड़ीन पाड़ी, एने ता ठोकेर खाती,” काहाकाय ता बोगवानान वचन पोर बुरहो नाह केरती। एने ज्यीस तान केरता बोगवानान मोरजी एती।