16 पुण तुमू एवी तुमरी मोंज पोर मोठवाय केरतेह; पुण ओहलो सोब मोठवाय खाराब हे।
16 पुण ऐवी तुमूह हुशारकी केरीन बढाई केरणू; इही आखा बढाई वाईट एता.
तुमरो मोठवाय केरनो हाजो नाह सोतो, काय तुमूह नाह जाणते थोड़ोक खमीर आखा कुहणेल फिटाह खमीर केर दिथे।
पुण केदी तुमू आपणा आपणा मोना माय कोपेट, कुयराय एने विरोद मेलते एती, एने तुमरी एकली पोर मोठाय केरीन खेरायीन विरोद माय पाप मा किरहो।
काहाकाय जो काय दुनिया माय हे, मतलब सेरीरान मोरजी एने डोलान मोरजी एने जीविकान गोमेंड, तो आबाख ने उगे रेन नाह; पुण दुनियास ने उगे रेन हे।
काहाकाय जी बोड़ाय एने ईजुत ती आपणे आपाह आपेल हे, तिहेस केरीन तुमू तीह दुख आपो।” काहाकाय ती मोना माय किथे रिथे, “मी राणी हे! मी रांडायेल नाह सोती, मी केदी बी काल्लो दुख नाय मोणावु!