19 तुमू ते सोमेजदार एन खुसी से फोगान वेठ लेतेह।
19 तुमूह तर समजदार एईन आनंदमाय गांडा सहन केरीन लेनो.
मी तुमू सोमेजदार सोमजीन तुमूह केथु, जो मी केथु ताह तुमू पारखो।
आमु मसीन केरता फोगा हेते, पुण तुमू मसी माय चेतुर हेते; आमु कोमजोर हेते, पुण तुमू पेहेलवान ईवो; तुमूह मान जुड़ेह, पुण आमरी बेजेती ईथे।
एवी मुरतीन ओंगाण चेड़ायेल खाणान बाराम आपु जाणतेह काय आपु आखाह इकेल हे, मोठवाय पायदा केरने पुण मोंग केरीन वोड़ती ईथे।
जो तु किरेल एने तार मेहनेतीन कामाह एने दिराह मी जाणथु; एने ज्यो बी काय तु खाराब माणहाह देख नाह सिकेत। एने जा सोताह प्रेरित केतेह, पुण ता नाह सोता, तु ताह होदिन जुठा सापड़ायेल हे।
तु किथे, ‘मी मालदार हे एने मालदार एय जायेल हे; एने मार फाय आखो काय हे, एने माहु काल्ली बी वोस्तुन कोमी नाह सोती।’ पुण तु ज्यो नाह जाणेत काय तु दुखी, खाराब, गेरीब, आंदलो एने नांगेरलो हे।