7 काहाकाय जा हुवतेह ता रातीच हुवतेह, एने जा पितेह ता रातीच पिन दुंदवाय रेतेह।
7 कारण जे हुविलो ते रातीन हुविलो, एने जे झिंगणार ते रातीन झिंगतात.
एने केयो, “काल्लो बी माणुह पेल हाजालो अंगुरान रूह आपणे, एने जेवी माणहे पिन साक जातेह, तेवी तोलो हाजो नाह आपणे। पुण तु ते हाजालो अंगुरान रूह एवी वोर मेल रिनोह!”
जो तुमू सोमेजतेह, ज्या माणहे नेशा माय ना सोता; काहाकाय एवी ते वेगाच ने नोव वाज रेनाह।
जीहे दिह्या होबा दिथे, तिहेच केरीन आपु हुतरी चाल चाले, नाह काय लीलाक्रिड़ा एने दारूड्यो पोणा माय, नाह सिनालो एने लुच्चाय माय, एने नाह राड़ एने कुयराय माय।
हाजो विचार केरने चालु किरो एने पाप केरने सोड़ दिवो, काहाकाय थोड़ाक ओहला हेते जा बोगवानाह नाह जाणते, मी तुमूह लाजवाड़नेन केरता ज्यो केथु।
काहाकाय उजालो आख्यु वातु देखाड़ेह पुरी रिती से देखाणार चिज सोता उजालो बोण जाथे। तानकेरता तो किथे, “एय हुवणारे, जाग उठो एने मुरेल माय रेन जीव जावो, ते मसीन उजालो तुमू पोर चोमके।”
दाराह रेन सेटा रिवो, काहाकाय पिणे से जिन्दगी बारबाद एय जाथे; पुण चोखाला जीवा माय बोरपुर ईती जावो।
दिहरान नुकसान केरनेन बोदले तास ने नुकसान एय। ताह दिह्या हिराणे मोज मोचती केरने हाजो लागेह। जो लाज आवी ओहलो एने ईजुत विरे ओहलो हे; जेवी ता तुमरी हेऱ्या खाते पितेह, ताहार तान उगे रेन मोंगाल्लो खाणो खाईन मोज मोचती केरतेह।