18 थोड़ाक ते ओहला मोटला बोण जायेल हेते, सोमजो मी तुमू फाय आवो काय नाय।
18 काही तर इही फुग गीया हि, जीहीकाय मी तुमरीफाय आवणेज नाहं.
तुमूह काय जुवेह? काय मी डेंगी लेन तुमू फाय आवो, काय मोंग एने गेरबोड़ायीन मोना हिऱ्यो?
एने तुमू दुखी बी ते नाह एते ता माय ओहलो काम केरनाराह तुमरे विच माय रेन निकाल देता, पुण मोठवाय केरतेह।
मी ज्यी विन्ता केरथु काय तुमरी ओंगाण माहु विण बिय एन ईमोत केरने नाय पोड़ी, जिहकेरीन थोड़ाक माणहे आमुह सेरीरान गेत दुनियान रिती पोर चालनारे सोमेजतेह, एने ईमोत देखाड़णेन विचार केरथु।
माहु बिय हे, ओहलो नाय एय काय मी आवीन जोहलो होदथु, तोहलोस तुमूह नाय देखु; एने माहु बी जोहलो तुमू नाह होदते, तोहलोस दिखहो; एने तुमू माय लेड़ाय, कुयराय, राग, विरोद, ईर्ष्या, चुगली, मोठाय एने लेड़ाय एय।