26 आखाम रेन आखरी दुसमोन जो खेतेम केराय जाय, तो मोत हे।
26 आखाआ शेवटेस शत्रुच्या रुपान मोरने नाश किरील जाहो.
ओवता ता मोरती बी नाय। काहाकाय ता हेरोगदुतान गेत रेती, एने मोरीन जीव उठणेन कारेण बोगवानान सोरा बोणीन रेती।
एय मोत, तारी जिक का रेनी? एय मोत, तारो टोचणो का रेनो?
पुण एवी आमरा सुटकारो केरन्या यीशु मसीन आवणेन द्वारे देखानो, जो मोतीन ताकेतीह खेतेम किऱ्यो एने जेलेमक्या जीवणान हाजाली खोबरीन द्वारा देखाड्यो।
जेवी सोरा माह एने लुय ने गोवांदी हेते, ते तु सोता बी तान बाराबोर तान गोवांद्यो एय गीयो, काहाकाय मोतीन द्वारे ताह जाह मोती पोर ताकेत जुड़ेल एती, मतलब सैतानाह विणकाम्यो केर देय,
तेवी देरीया माय जा मुरेल एता ताह तो आप दिनो। मोत एने आंदारकेली माय जा माणहे एता, ताह तो आप दिनो। एने आखा माणहान नियाव तान कामान गेत एनो।
मोत एने आंदारकेली आक्ठान जोवरा माय टाकाय गीया। ज्यो आक्ठान जोवोर आखरी मोत हे।
बोगवान तान डोलाम रेन आखा आहवा नुस देय। एने ज्यान पासाण मोत, दुख, रेड़नो नाय रेय, एने पिड़ा बी खेतेम एय जाय। काहाकाय जुनाल्यु वातु एवी गायेब एय गीयो।”