18 पुण जा मसी पोर बुरहो केरनारे मोर जायेल हेते, ता बी खेतेम ईयेल हेते।
18 होव, तर ओवतो तान केरता मसीहान केरीन आपणो जीव आपील ते ओहलाच नाश एय गीयो.
ओवतो मांड्या वोलीन स्तिफनुस मोठेस आयेड़नो, “एय मालीक, ज्यो पाप न्या पोर मा लागाड़े!” एने इहकेरीन केयीन स्तिफनुस मोर गीयो।
उवतो यीशु पाच होवाह रेन बी जादा विश्वासी बाय बोणहा एकठोस देखानो, ता माय रेन जुलूम जाणे एवी वोर जीवताला हेते, पुण थोड़ाक मोर गीयाह।
जो मालीक हिकाड़ेल हे तोच तुमूह आमु केतेह, काय मालीकान आवणेन एय तुलबूखे वोर आपु जा जीवतालाच वोचीन रेहु, एने जा मसी पोर बुरहो केरीन मोर जायेल हेते ताह रेन ओंगाण आपु केदी बी जाहुच नाय।
काहाकाय मालीक खुद हेरगाम रेन उतरी; तुलबूखे ललकार, एने मुखी हेरोगदुतान बोल होमलाय, एने बोगवानान पावली फुकाय जाय; एने जा मसी माय बुरहो केरीन मोर जायेल हेते, ता पेल जीव उठती।
पुशो मी हेरगाम रेन ज्यो आवाज होमल्यो, “ज्यो लिख: बोरकेतवाला ता हेते, जा मालीक पोर बुरहो केरनेन पासाण मोरती!” चोखालो जीव किथे, “होव, काहाकाय तान मेहनेत से ताह आराम जुड़ी, एने तान काम ने ईसाब ता हेऱ्यो मेलाय जाय।”