काहेकि इंसान को पोरिया तो जसो ओको बारे म लिखो हैं, उ जाते ही रहे; पर उ अदमी पर धितकार जोको दुवारा अदमी को पोरिया पकड़वायो जाहे: अदि उ अदमी को जनम ही नी होतो ते भलो रहतो।”
यु अदमी ख परमेस्वर कि पक्की योजना अर पुरो ग्यान को अनुसार तुम ख सोपयो गयो अर तुम न पापी व्यक्ति हुन कि मदद से ओ ख क्रूस प चडायो अर खिल्ला ठुकवायो अर मार डालयो।
जब कोई कि परीक्छा होए ते उ यु नी कहन को कि परमेस्वर कि तरफ से होवा हैं; काहेकि न तो बुरी बात से परमेस्वर कि परीक्छा हो सका हैं, न उ कोई की परीक्छा खुद लेवा हैं।
लेकिन कोई बोल सकह हैं, “तो ख भरोसा हैं अर मै करम कँरु हैं।” तू अपना भरोसा मो ख करम को बिना ते दिखा; अर मी अपना भरोसा अपने करमो को दुवारा तो ख दिखाऊँगो।