येपर यीसु न मुड़ ख, पतरस से बोल्यो, “मोरी आँख को सामने से दुर हो जा, सैतान! तू मोरी रस्ता म ठोकर बन रयो हैं। तुम परमेस्वर की बात नी, बल्कि इंसान हुन कि बात हुन पा मन लगा हैं।”
पर मी तुम से कहूँ हैं, कि जो कोई अपनो भई पर घुस्सा करे, उ कचेरी म सजा को लायक होए, अर जो कोई अपनो भई ख निकम्मो बोले उ बड़ीसभा म सजा को लायक होए; अर जो कोइ बोले ‘अरे मूरक’ उ नरक कि आग को सजा को लायक होऐ।
यीसु ओखा संग गयो, पर जब वी घर से दुर नी हतो, ते सतपति ओको नजीक कई दोस्त हुन ख दुवारा कहना भेजो, “अरे प्रभु दुख नी उठा, काहेकि मी यू लायक नी कि तुम मोरो घर को भीतर आहे।
काहेकि परमेस्वर को वचन जिन्दो, अर मजबुत अर हर एक दोधारी तलवार से भी बेजा तेज हैं, अर प्रान अर आत्मा ख, अर गाँठ-गाँठ अर गुदा-गुदा ख अलग कर ख आर पार छेद देह हैं अर मन कि भावना ख अर विचार ख परख लेवह हैं।