18 अर तुम पाप से मुक्ति हो ख धर्म को दास बन गयो हैं।
18 आउर पाप ले छंडाय जाऊन भाती धरम चो दास होऊन गेलास।
“प्रभु का आत्मा मोपर हैं, एकोलाने कि ओ ना बिखारी ख सुसमाचार सुनानो का लियो मेरो अभिसेक कियो हैं, अर मो ख ऐको भेजो हैं कि बंदी हुन को छुटकारे का अर अंधो को दृस्टि पानो को चोक्खो प्रचार करुँ अर कुचलो वाला उन ख छुड़ाऊँ,
तुम सच्चई का जानेगो, अऊर सत्य तुमका छुड़ा लेहे।”
एकोलाने अदि पोरिया तुमका छोड़ देहे, ते सच्ची म तुम छुट जाहेगो।
अऊर तुम लोग हुन पर को पाप कोई अधिकार नी रहे। अब तुम मूसा को नेम को नी, बल्कि किरपा को बस हैं।
पर अब पाप से आजाद हो ख अर परमेस्वर को दास बन ख तुम ख फल मिलो जेसे सुध्द हुन मिल होव हैं, अर ओको अन्त आखरी जिन्दगी हैं।
काहेकि जो मर चुको हैं, उ पाप कि गुलामी से मुक्ति हो गयो हैं।
काहेकि जिन्दगी कि आत्मा को नेम नी मसी यीसु म मोखा पाप कि अर मरन कि नेम से आजाद कर दियो।
मसी न मोक्छ को लाने हमका स्वतरत करयो हैं; एकोलाने ऐमा ही बनिया रहो, अर गुलामी कि बोझ म फिर से गुलाम मत बननू।
अपनो खुद ख जान, पर अपनी यी आजादी ख बुराई को लाने रूकावट नी बनो; पर अपनो खुद ख परमेस्वर को दास मान ख चल।