29 अर म मालूम हैं कि तब मी तुमारो पास आऊ, ते मसी कि पूरी आसीस का संग आऊ।
29 आउर मय जाने से कि जिदलदाय मय तुमचो लगे ऐयेंदें, तो मसीह चो पुरा आशीष चो संगे ऐयेंदें।
या घटना घटन को बाद पोलुस न अपनो मन म मकिदुनिया अर अखया से हो ख यरूसलेम जान को पक्को करियो। उन कय्हो, “वहाँ जान को बाद मोखा रोम भी देखनो चहिए।”
पर अब इन दास हुन म मोरो काम का लाने अर जगह नी रय्हो, अर बेजा साल से मो ख तुमारो पास आन का इच्छा हैं।
अर म परमेस्वर कि इच्छा से तुमारो पास खुसी का संग आ ख तुमारो संग आराम पा हे।
यूही भरोसा से मी चहातो थो की पहले तुमरो जोने आऊ कि तुम ख एक अऊर दान मिले;
धन्य हैं परमेस्वर, हमरो प्रभु यीसु मसी को बाप! ओ ना मसी को वजे से हम इंसान हुन ख स्वर्ग का हर तरीका का आत्मिक आसीस दियो हैं
तुम इंसान हुन ख ओको प्रेम को ग्यान मिल्यो होए, फिर भी उ ग्यान से परो हैं। असो तरीका से तुम इंसान हुन, परमेस्वर ख जान सका हैं अऊर तुम ओको बारे म पुरो जान सका हैं।
मोरो ऊपर जे सब सुध्द संत हुन म से छोटो से भी छोटो हैं, या रहम या दया भई की मी सब दुसरी जात वाला हुन ख मसी को अगम्य धन को सुसमाचार सुनाऊ,
जब तक कि हम सबरा का सबरा भरोसा अर परमेस्वर को पोरिया को ग्यान म एक नी हो जाय, अर मसी को हिसाब से परिपक्वता नी हो जाय अऊर अच्छा इंसान नी बन जाय।