एकोलाने परमेस्वर कि किरपा अर कठोरता पर ख विचार कर गिर हुयो इंसान हुन क लाने कठोरता अर परमेस्वर तुमारो लाने किरपा अदि तुम हकिगत म उनकी दया कि हद म बन्धो रहन हो नी ते तुम ख अलग कर दियो जाहे।
पर यघ्घपी तू पुरी बात एक बार जान चुको हो, तेभी मी तो ख या बात कि सुधि दिलानो चाहूँ हैं कि प्रभु न एक कुल को मिसर देस से छुड़ानो को बाद भरोसा न लान वाला ख खत्म कर दियो।