एक बाई न जे को बारा वर्स से खून बहिन का जुड़ हतो, अर जो अपन सारी जिन्दगी की कमाई अपनी ओकात ख अनुसार वैघ हुन का पिछे पिछे खर्च कर चुकी हती, तोभी कोई का हात से चंगी नी हो सकी हती,
अर लोग एक जनम क लंगड़ा का ला रह हते, जेको वी हर दिन मन्दिर क उ दुवार पर जे सुन्दर कहलाता हतो, बैठा देत हते कि वी मन्दिर म जान वाला हुन से भीख माँगत हैं।