26 यीसु न ओखा असो बोल ख घर भेजियो, “यू गाँव को भीतर मत जाजो।”
26 हुन हुनके ऐ बोलुन भाती घरे पठालो, “ऐ गाँव चो भीतरे पाँय बले नी संगाव।”
अऊर उन ख जतायो कि मोरो बारे म कोइ ख मत बतानो,
यीसु न ओ से बोल्यो कि, “सतरक कोई से कई नी कह, जा ख अपनो तुम ख याजक ख दिखा अर मूसा दुवारा निर्धरित दान चढ़ा जेसे पूरो लोग हुन ख पता होय जाहे कि तुम अच्छो हो गया हैं।”
अऊर दो अंधा हुन कि आँखी खुल गई। यीसु न दो अंधा हुन ख जता ख कय्हो, “सतरक रह, कोई यू बात ख नी जाने।”
फिर यीसु न उनका जता ख आदेस दियो कि या बाद कोई ख पता नी होनू चाहिए अर कय्हो, “येका कुछ खान ख देव।”
तब यीसु न उनका जतायो कि कोई ख मत बतानू, पर जित्तो यीसु न उनका चितायो उत्तो जादा ही उन न प्रचार करो।
यीसु उ अंधा को हात पकड़ ख ओखा गाँव को बाहार ले गयो, अर ओकी आँख म थूक ख ओपर हात रखियो अर, ओसे पुछियो, “का तू कुछ देखा हैं”
तब यीसु न दुसरी बार ओकी आँख म हात रखियो अर अंधा न ध्यान से देखियो उ चोक्खो हो गयो, अर सब साप-सुतरो दिखन लग गयो।