23 यी सब बुरी बात इंसान को अन्दर से निकला हैं अर इंसान ख असुध्द करा हैं।”
23 ऐ सपाय खराप गोठमन भीतर ले निकरू आय आउर माने के अशुद्ध करू आय।”
असी कोई भी चीज नी हाय की जो इंसान म बाहार से जा ख ओखा असुध्द करे; पर जो चीज इंसान को अन्दर से बहार से नीकला हैं, वही ओखा असुध्द करा हैं।
यीसु न उनका कय्हो, का तुम भी असा न समझ हैं? का तुम नी समझा कि जो चीज बाहार से अदमी को अन्दर जावा हैं वा ओखा ख असुध्द नी कर सका?
फिर यीसु न कय्हो, “जो इंसान को मन म से निकला हैं वही इंसान ख असुध्द करा हैं।
लोभ, बुरो काम, दुस्टता, छल लुचपन, बुरी नजर, बुराई, घमंड अर गन्दी बात, निकला हैं।
फिर यीसु ओमा से उठ ख सूर अर सैदा नाम को सिवाना म आयो; अर एक घर म गयो, अर चाहत रह, कि कोई नी जानन ख; पर यीसु छिप नी पायो।
पर कोई परमेस्वर को मन्दिर ख नास करे ते परमेस्वर ओ ख नास करे; काहेकि परमेस्वर को मन्दिर सुध्द आय, अऊर उ तुम आय।
सुध्द अदमी हुन को लाने सब सुध्द चीज सुध्द, पर असुध्द अर अविस्वास को लाने कुछ भी सुध्द नी, पर उनकी अकल अर समझ दोई असुध्द हैं।
उ रीति से यू सपना दिख भी अपनो अपनो लोग हुन अर अपनो आग को पाप ख असुध्द करा, अर परमेस्वर ख अधिकार ख तिरसकार करा हैं, अर बडो पद वालो लोग हुन को बुरो भलो कह हैं।