ओको पिछु उ वी ग्यारह हुन ख भी, जब वी खाना खान बठीया हता दिखो रह, अर उनको सक करनु अर मन को ड़ीट पन को वजेसे (उलाहना) गवई दियो, काहेकि उनना ओको जिन्दो होनू को बाद ओखा देखियो रह, इनना ओको अविस्वास करयो हतो।
जब दुसरा चेला ओसे कहन लग गया, “हम न प्रभु ख देखो हैं,” तब ओ न उनसे कय्हो, “जब तक मी ओखा हात हुन म खिल्ला हुन को छेद नी देख लेहूँ, अर ओको पंजा म अपनो हात नी डाल लेहूँ, तब तक मी भरोसा नी करन को।”