11 उन न असो सुन ख कि उ जिन्दा हैं अर उन न ओ ख देखो हैं, भरोसा नी करो।
11 हुनमन ऐ सुनुन भाती कि हुन जीव आसे आउर हुन हुनके दकली से, बिश्वास नी करला।
अऊर उन न यीसु ख देखे, ख उनकी बड़ाई करी, परन्तु कोई कोई ख सक भी भयो।
यू सुन ख यीसु न उनसे जवाब देखा कय्हो “अरे अविस्वासी अदमी, मी कब तक तुमरो संघ म रहू? अर कब लक तुम ख झेलू? ओ ख मोरो कने लाव।”
पर ओकी बात हुन उनका कायनी सी जान पड़ियो, अर उन्होना ओकी भरोसा नी करी।
जब खुसी को मारे ओको भरोसा नी हुई, अर वी आस्चर्य करत हते, “ते ओ न ओसे पुछो, का यहाँ तुम्हारो नजीक कुछ खाना हैं?”
जब दुसरा चेला ओसे कहन लग गया, “हम न प्रभु ख देखो हैं,” तब ओ न उनसे कय्हो, “जब तक मी ओखा हात हुन म खिल्ला हुन को छेद नी देख लेहूँ, अर ओको पंजा म अपनो हात नी डाल लेहूँ, तब तक मी भरोसा नी करन को।”