47 मरियम मगदलीनी अर योसेस कि माय मरियम देखत रह कि ओको सरीर का कहाँ धरा हैं।
47 मरियम मगदलीनी आउर योसेस चो आया मरियम दकते रवत कि हुन काहां संगाया गेलो।
उन म मरियम मगदलीनी, अर याकूब अर यूसुफ कि माय मरियम, अर जबदी को पोरिया हुन की माय हती।
मरियम मगदलीनी अर दुसरी मरियम वहाँ सामधी का सामने बैठी हुई हती।
छुट्टी को दिन को बाद हफ्ता को पहिलो दिन भुनसारो होती ही मरियम मगदलीनी अर दुसरी मरियम सामधी ख देखन आई।
कई बाई हुन भी दूर से देखत रह: उन म मरियम मगदलीनी, छोटो याकूब अर योसेस कि माय मरियम, अर सलोमी हती।
तब ओ न मलमल को एक चद्दर को कपड़ा मोल म लियो, अर लास ख उतार का उ चादर म लपेटियो, एक मरघट को गड्डा जो पत्थर को अन्दर काट ख बनायो हतो रह, अर मरघट जहाँ पर ओको सरीर धरीयो रह वहाँ पर पत्थर दरवाजा म लगा दियो
जब आराम करन को दिन बीत गयो ते, मरियम मगदलीनी, अर याकूब कि माय मरियम, अर सलोमी न अच्छो मेहकन वालो इतर मोल लेखा आया कि आ ख ओपर मलें।
उ बाई हुन जे ओको संग गलील से आयो हती; पिछु-पिछु जायख उ समसान का देखो, अर यू भी कि ओको लास किस रीति से रखो गयो हैं।