यू सुन ख पिलातुस का आस्चर्य भयो कि यीसु इत्तो झलदी मर गयो; अर ओ ना सव सैनिक को ऊपर हक रहन वालो (अधिकारी) ख बुला का पुछीयो, “काहे ओखा मरिया देर हो गई का?”
तब ओ न मलमल को एक चद्दर को कपड़ा मोल म लियो, अर लास ख उतार का उ चादर म लपेटियो, एक मरघट को गड्डा जो पत्थर को अन्दर काट ख बनायो हतो रह, अर मरघट जहाँ पर ओको सरीर धरीयो रह वहाँ पर पत्थर दरवाजा म लगा दियो
असी बात हुन को बाद अरिमतिया गाँव को यूसुफ न जो यीसु को चेला हतो रह, पर यहूदी हुन को डर से यीसु को अंदरोनी चेला हतो, पिलातुस से यीसु को सरीर ख उतार लेन कि विनती करी। पिलातुस न ओखा अनुमती दे दियो। एकोलाने यूसुफ आ ख यीसु को सरीर ख ले गयो।