57 तब कुछ अदमी हुन न उठ ख यीसु को बारे म या झूठी गवाई दी,
57 तेबे थोड़े असन लोगमन उठून भाती हुनचो बिरूद ऐ झूठा गोहई दिला,
अर यू कह हतो, “मन्दिर को मिटान वालो अर तीन दिन म बनावन वालो, अपनो स्वंय ख ते बचा! यदि तू परमेस्वर को पोरिया हैं, ते सूली पर से उतर आ।”
काहेकि बेजा सारा ओको बारे म झूठी गवाई देत रह, पर उनकी गवाई एक जसी नी हती।
“उन न ओसे कय्हो हम न ऐका यू कहते सुनियो हैं, मी यू हात को बनायो हुयो मन्दिर ख मिटा देहु, अर तीन दिन म दुसरो बना देऊ, जो हात से नी बनयो होए।”
अर रस्ता म जान वाला मुण्डी मटका मटका ख अर असो बोल का ओकी बुराई करत रह, “वाह! मन्दिर को गिड़ान वालो, अर तीन दिन म बनान वालो!