दो दिन को बाद म फसह अर अखमीरी रोटी को तिहार होन वालो हतो रह। बड़ा पुजारी अर सासतिरी या बात की ताक म पड़िया हता कि ओखा कसो छल-कपट को संग म पकड़ ख मार ड़ाले;
जब उ बैतनिय्याह म समोन कोढी को घर म खाना खान ख बैठियो हतो रह, तब एक बाई न संगमरमर को बर्तन म जटामासी को सबसे महेगो खुब मेहकन वालो सुध्द तेल (इतर) लेका आई; अर बर्तन टोड़ ख इतर ओको मुण्ड पर उण्डेलीयो।