36 असो नी होवा कि उ तुमका अचानक आका तुमका सोते देखे
36 असन नी होओ कि हुन उधापड़े ऐऊन भाती तुमके सोहतोर भेटो।
जब दूला ख आन म देर भई, ते वी सब ऊगन लगी अर सो गई।”
फिर उ आयो अर उनका सोते देख का पतरस से कय्हो, “अरे समोन, तू सो रयो हैं? का तू थोड़ी देर भी नी जग पायो?
फिर आका उनका सोते देखियो, काहेकि उनकी आँख नींद से भरी हती रह; अर नी जानत रह कि ओखा कसो जवाब देहे।
“एकोलाने होसियार (सावधान) रहनू, असो नी होय कि तुम्हारो मन खुस होय (खुमार) अर मतवालो पन, अर यू सरीर की चिन्ता हुन से लस्त हो जाहे, अर उ दिन तुम प फन्दा को जसो अचानक आ जाहे।
तब उ प्रार्थना से उठियो अर अपनो चेला हुन का नजीक आय ख उनका उदासी को मोरो सोते पायो।
एकोलाने उ बोला हैं, “अरे सोवन वाला जग, अऊर मुर्दा म से जग या जिन्दो उठ; ते मसी को उजेरो तोरो ऊपर चमकेगो।”