17 उ दिन म जो पेट से रहे अर दुध पिलात होए, उनको लाने धितकार!
17 हुन दिनमन ने जोन देंहबारी आउर गोरस खुआते रदे, हुनमन काजे हाय-हाय!
अऊर वी यीसु से कहन लग गया, “का तू सुन रयो हैं कि यी का कैय रया हैं” यीसु न उनका कय्हो, हाव सुन रयो हैं; का तुम इंसान हुन न ग्रंथ म नी पढियो; कि बालबच्चा अर दूध पीवन वाला पोरिया-पारी हुन को मुंडो तुना अपनो गुन गान करायो?
अर जे खेत म रहे, उ अपनो कपड़ा लेन ख लाने पीछु नी लउटन का।
अर विनती कियो कर असो ठण्ड को बखत नी होनो चाहिए।”
उ दिन हुन म जे पेट से होए अर दूध पिलात होएगो, उनको लाने धितकार! काहेकि दुनिया म विपत्ति अर इ लोग हुन पर बड़ो प्रकोप होएगो।
काहेकि देखो, वी दिन आवा हैं, जे म इंसान बोलेगो, धन्य हैं वी जे बजली हैं अर वी कोक जे नी जनी अर वी दूध जिन्ना दूध नी पिलायो।